Site icon Taaza Khabrain

Japan Volcano Alert! 5 जुलाई से पहले फटा ज्वालामुखी, बढी दहशत

Japan Volcano Alert

Japan Volcano Alert

Japan Volcano – 2 जुलाई 2025 की दोपहर, जापान के क्यूशू क्षेत्र में स्थित माउंट शिनमोएडाके (Mount Shinmoedake) में अचानक ज़ोरदार विस्फोट हुआ। इस Japan volcano eruption के चलते आसपास के इलाकों में अफरा-तफरी मच गई। ज्वालामुखी से निकलती राख और धुएं ने आसमान को ढक लिया, और लोगों को घरों में ही रहने की सलाह दी गई।

वैसे तो जापान में ज्वालामुखी और भूकंप आम बात है, लेकिन इस बार कुछ अलग था — सोशल मीडिया पर एक वायरल भविष्यवाणी ने लोगों के डर को कई गुना बढ़ा दिया।

Japan Volcano – की चेतावनी पहले ही दी जा चुकी थी?

अगर आपने हाल ही में ट्विटर या रेडिट स्क्रॉल किया है, तो शायद आपने देखा होगा — एक मंगा आर्टिस्ट रियो तत्सुकी (Ryo Tatsuki) का नाम तेजी से ट्रेंड कर रहा है। वजह? उन्होंने काफी पहले ही दवा किया था की जापान में  5 जुलाई 2025 में एक भयंकर आपदा आने की सम्भावना है ।

अब जब एक ज्वालामुखी फटा है, और उसी हफ्ते टोकारा द्वीप के पास भूकंप भी आया — लोग सचमुच घबरा गए हैं।

pic-Wikimedia commons

माउंट शिनमोएडाके का विस्फोट – क्या हुआ?

तारीख: 2 जुलाई 2025

समय: 3:30 बजे दोपहर (JST)

स्थान: क्यूशू द्वीप, जापान

असर: राख, गैस, धुआं और स्थानीय उड़ानों में बाधा

चेतावनी स्तर: JMA ने लेवल 3 जारी किया

Japan Volcano के इस विस्फोट के होने के बाद कागोशिमा और मियाजाकी जैसे इलाको में राख की भयंकर परत सी जम गई है कई गजह पे हवाई उड़ानों को भी रोक दिया गया है और प्रशासन ने भी लगभग 3KM के दायरे में किसी के भी जाने पर रोक लगा दी है।

लोग अब सिर्फ वैज्ञानिकों से नहीं, बल्कि पुरानी भविष्यवाणियों से भी जवाब खोज रहे हैं।
“क्या रियो तत्सुकी सच में कुछ जानती थीं?”
“5 जुलाई को क्या कुछ इस से भी बड़ा होने वाला है ?”

ये सवाल हर किसी के मन में हैं — और यही कारण है कि ये Japan volcano eruption अब सिर्फ एक प्राकृतिक घटना नहीं रह गई, बल्कि लोगों के डर और कल्पना का हिस्सा बन चुकी है।

वैज्ञानिक नजरिया क्या कहता है?

जापान दुनिया के सबसे सक्रिय भूकंपीय और ज्वालामुखीय क्षेत्रों में से एक है।
माउंट शिनमोएडाके पहले भी 2011 और 2018 में फट चुका है। हालिया विस्फोट से पहले गैस उत्सर्जन और ज़मीन में हलचल दर्ज की गई थी, जो एक आम संकेत है। वैज्ञानिकों का मानना है कि यह सब प्राकृतिक गतिविधियों का हिस्सा है।
हालांकि, वे यह भी स्वीकार करते हैं कि इलाके में भूगर्भीय दबाव लगातार बढ़ रहा है, इसलिए सतर्क रहना ज़रूरी है।

Exit mobile version