मानसून की दस्तक – जैसा कि हम जानते हैं कि भारत एक कृषि प्रधान देश है और हमारे इस भारत की अर्थव्यवस्था का एक अहम हिस्सा जो है वह कृषि से आता है और इस कृषि की सफलता पूरी तरह निर्भर है मानसून की सही समय पर आने वाली बारिश पर, जैसा कि इस साल मौसम विभाग ने पहले से एक अनुमान बताया था कि मानसून की दस्तक जल्द होगी जो कि इस बार दिख भी रहा है, जिससे किसानों के चेहरे पर मुस्कुराहट लौटने लगी है आईए जानते हैं कि इस मानसून के जल्दी आने से किसानों और कृषि के क्षेत्र को क्या-क्या फायदे मिल सकते हैं।
आखिर क्यों है सही समय पे “मानसून की दस्तक” ज़रूरी?
मानसून की बारिश हमारे फसलों के लिए जीवन दायनी का काम करती है अगर सही समय पर बारिश हो रही है तो खेतों में नमी बनी रहती है जिससे कि फसलें अच्छी तरह बढ़ पाती है और अगर यह बारिश देर से होती है या कम होती है तो किसानों को इसके लिए भारी नुकसान उठाना पड़ता है किसानों को अलग से खेतों की सिंचाई करने की व्यवस्था करनी पड़ती है जो कि उनके लिए काफी महंगी भी साबित होती है मानसून के समय में हुई बारिश में खेतों को नेचुरली पानी मिलता है और वह पर्यावरण भी मिलता है जो उनके लिए उपयुक्त है।
सवाल: क्या मानसून जल्दी आने से फसलों को नुकसान हो सकता है?
जवाब: सामान्यतः नहीं, लेकिन किसानों को सिंचाई और जल निकासी का उचित प्रबंध रखना चाहिए ताकि भारी बारिश से जलभराव न हो।
ये मौसम किसानो के लिए संजीवनी की तरह है
मानसून विभाग में जब यह बताया कि इस बार पंजाब, हरियाणा, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में मानसून की दस्तक समय से पहले होगी तो मानो खेतों में हरियाली आने से पहले ही किसानों के दिल हरे हो गए हो, कई किसानों ने तो बीज और खाद पहले से ही खरीद लिए खेतों में मिट्टी तैयार है बस अब उन्हें इस मानसून की बारिश का इंतज़ार है जो आसमान से उम्मीद बन कर बरसेगी।
अगर हम सन 2025 किस मौसम को पिछले वर्ष 2024 की गर्मी से कंपेयर करें तो पिछले साल के मुकाबले इस साल मौसम में काफी बदलाव देखने को मिल रहा है मानसून की दस्तक न सिर्फ फसल के लिहाज से बल्कि मनोबल के लिए भी बड़ी बातें पिछले साल के सूखे के बाद किसानों के चेहरे पर जो चिंता की लकीर थी अब वह धीरे-धीरे मुस्कान में बदल रही है।
जल्द मानसून से जुड़ी योजनाएँ और सरकार की तैयारी
मानसून की दस्तक को देखते हुए केंद्र और राज्य सरकार ने भी अपनी-अपने ओर से सक्रिय हो चुकी है कृषि विभागों ने किसानों के लिए सलाह जारी की है कि किस किन फसलों को प्राथमिकता दें और किस प्रकार की मिट्टी में कौन सा बीज ज्यादा उपज देगा।
सरकार की योजनाओं जैसे प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना और कृषि सिंचाई योजना को एक बार फिर से ग्रामीण स्तर तक पहुंचाने की कब आए यह तिरछी हो गई है।
क्या आप जानते हैं? कई राज्यों ने "मानसून सहायता केंद्र" भी शुरू किए हैं जहाँ किसान मौसम की जानकारी और मुफ्त परामर्श पा सकते हैं।
इससे साफ़ है कि सरकार भी चाहती है कि इस प्राकृतिक अवसर का अधिकतम लाभ किसानों तक पहुँचे।भारतीय मौसम विभाग ने और यूट्यूब पर जानकारी साझा करते हुए कहा कि भारत के कई स्थानों में अगले 7 दिनों तक काफी वर्षा होने की सम्भावना है।
दिल्ली-एनसीआर में आज 28 जून 2025 को झमाझम बारिश हुई, जिससे मौसम सुहावना हो गया नीचे पढ़िए आज के मौसम की एक रिपोर्ट।
👉 यहाँ पढ़ें पूरी रिपोर्ट – अमर उजाला