कुछ समय पहले Google इतने खास प्रोजेक्ट को लांच किया था जिसका नाम उसने प्रोजेक्ट Starline (virtual meetings) रखा था गूगल के इस प्रोजेक्ट का मकसद था की वीडियो कॉलिंग को इतना रियल बना देना कि ऐसा लगे कि आप किसी व्यक्ति से आमने-सामने बैठ करके बात कर रहे हैं ना कि किसी डिवाइस पर बैठ करके। बिना किसी स्पेशल चश्मे या हेडसेट के ऐसा अनुभव देना वाकई एक बड़ी बात थी। अब इस तकनीक को और आगे बढ़ाते हुए, Google ने Project Starline को नया नाम और नई पहचान दी है – Google Beam।
Virtual meetings – Google Beam से करिये
Google Beam एक AI-आधारित 3D वीडियो कम्युनिकेशन प्लेटफ़ॉर्म है, जो लोगों को दूर रहते हुए भी पास होने का अहसास कराता है।
इस प्लेटफ़ॉर्म में Google का खास AI वॉल्युमेट्रिक वीडियो मॉडल इस्तेमाल किया गया है। यह टेक्नोलॉजी आम 2D वीडियो को 3D में बदल देती है – और यह फीलिंग इतनी रियल लगती है ऐसा लगता है कि सामने वाला व्यक्ति किसी डिवाइस पर ना बैठ करके आपसे आमने-सामने बैठ करके बात कर रहा है आपसे आंखें मिला करके बात कर रहा है और उसके एक्सप्रेशंस भी ऐसे लगते हैं कि ऐसा लगता है वह बिल्कुल रियल में ही आपकी मीटिंग चल रही है।
Google Cloud की ताकत और Google की AI एक्सपर्टीज़ मिलकर इसे बेहद भरोसेमंद बनाती हैं। साथ ही, यह आपकी मौजूदा वर्कफ्लो से भी आसानी से जुड़ जाता है।
“Be there from anywhere” – यहीं है इसकी खासियत
Beam में light field display टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया है, जो थ्री-डायमेंशनल डेप्थ और रियलिज़्म देती है। इसका मतलब – कॉल पर सामने वाला शख्स ऐसा लगेगा जैसे सच में आपके सामने बैठा हो।
Google Beam का एक और शानदार फीचर है – स्पीच ट्रांसलेशन। अब आप अलग-अलग भाषा बोलने वाले लोगों से लाइव बातचीत कर पाएंगे, वो भी उस इंसान की असली आवाज़, टोन और हाव-भाव के साथ, यह फीचर सबसे पहले Google Meet में आ रहा है। और इसका मकसद है दुनिया भर के लोगों को एक-दूसरे से जुड़ने का एक नेचुरल तरीका देना – चाहे वे किसी भी भाषा में बात करें।
गूगल जल्द ही इसे कॉर्पोरेट के लिए भी लॉन्च करेगा
Google Beam अब सिर्फ पर्सनल इस्तेमाल तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि ऑफिस और बिजनेस में बातचीत का तरीका भी बदलने जा रहा है।
Google, Zoom और HP के साथ मिलकर इसे एंटरप्राइज़ के लिए ला रहा है। HP के पहले Google Beam डिवाइस कुछ ही हफ्तों में InfoComm में पेश होंगे और साल के आखिर तक कुछ चुनिंदा ग्राहकों को दिए जाएंगे।
Diversified और AVI-SPL जैसे चैनल पार्टनर्स के साथ मिलकर Google Beam को दुनिया भर की कंपनियों तक पहुंचाने की तैयारी भी चल रही है।
बड़ी कंपनियों ने दिखाई दिलचस्पी
Google Beam को लेकर कंपनियों का रिस्पॉन्स काफी पॉजिटिव रहा है। Deloitte, Salesforce, Citadel, NEC, Hackensack Meridian Health, Duolingo और Recruit जैसी बड़ी ऑर्गेनाइजेशन इसे अपने सिस्टम में लाने के लिए तैयार हैं ।
Deloitte का कहना है कि Google Beam महज एक नई टेक्नोलॉजी नहीं, बल्कि डिजिटल दौर में लोगों को जोड़ने के तरीके को नए सिरे से समझने की ओर एक अहम पहल है।
Google Beam भी अब एक नॉर्मल वीडियो कॉल से कई कदम आगे बढ़ चुका है और गूगल के इस फीचर का मकसद है लोगों को वर्चुअल इस तरह से जोड़ना कि उनका वर्चुअल एक्सपीरियंस काफी अच्छा हो और उन्हें सामने वाला व्यक्ति अपने पास बैठा महसूस हो। अब देखना ये है कि आने वाले समय में ये टेक्नोलॉजी ऑफिस से लेकर क्लासरूम और घरों तक कितनी तेजी से पहुंचती है।
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