भारत उत्तरप्रदेश अब पर्यटन को बहुत महत्व दिया जा रहा है हर राज्य अपने आपको पर्यटन के छेत्र उत्तरप्रदेश खुद को एक अलग पहचान दिलाने कि ओर अग्रसर है उत्तरप्रदेश में भी अलग अलग पर्यटन कि परियोजनाओं का शिलान्यास हो रहा है उत्तर प्रदेश कि धरती पर अब एक ऐसी ट्रैन दौड़ी है जो न केवल सफर कराती है बल्कि प्रकृति कि सैर भी कराती है Vistadom Train Safari.
विस्टाडोम ट्रेन क्या है :
विस्टाडो कोच एक खास प्रकार एक खास प्रकार का ट्रैन का डिब्बा होता है जिसमे कांच कि छत , बड़ी खिड़किया और घूमने वाली सीट होती हैं यह ट्रेन यात्रियों को एक रोमांचक अनुभव कराती है । जिससे यात्री बहार का नज़ारा बड़ी ही आसानी से और काफी बड़े एरिया का ले सकते हैं खास तौर से जब ऐसी ट्रेन किसी जंगल से हो के गुजरे तो नज़ारा और भी रोमांचक हो जाता है ।

Vistadom train यह ट्रेन कहाँ से कहाँ तक जाती है?
दरअसल Vistadom train एक पेसेंजर ट्रेन (Passenger 52259 Train) hai , है जो कि लखीमपुर जिले के मैलानी से होकर बिछिया रेलवे स्टेशन तक चलती है इसमें पर्यटकों को कतर्नियाघाट से दुधवा टाइगर रिजर्व तक फैले 107 किमी लंबे घने जंगलों में सफर करते हुए पर्यटक प्राकृतिक सौंदर्य समृद्ध जैव विविधता और वन्यजीवों को करीब से निहारने का अनूठा अवसर प्राप्त करेंगे। अभी ये एक पैसेंजर ट्रेन है और इसमें अभी सिर्फ 1 विस्टाडोम कोच को लगया गया है जिसकी यात्री बुकिंग करा के इस अनूठे और रोमांचित सफर का लुत्फ़ उठा सकते हैं यह ट्रेन मैलानी से सुबह 6:05 बजे रवाना होती है और लगभग सुबह 10:30 बजे बिछिया स्टेशन पहुंचती है। मार्ग में इसका ठहराव बिछिया, मंझरा पुरब, खैराटिया बांध रोड, तिकुनिया, बेलरायां, दुधवा, पलिया कलां, भीरा खीरी तथा मैलानी स्टेशनों पर होता है।
जंगल सफारी और प्राकृतिक दृश्य:
कतर्नियाघाट से दुधवा टाइगर रिजर्व तक की दूरी लगभग 107 किलोमीटर की है जो कि पूरा ही जंगल बाहुल्य क्षेत्र है रेलवे में इस Vistadom train यात्रा के लिए प्रति यात्री टिकट 275 रुपए का रखा हुआ है यात्रियों को यह यात्रा बहुत से रोमांचकारी लगने वाली है इस पूरे ही सफर में या ट्रेन एक घने जंगल से होकर के गुजरती है इसमें आपको कई सारे जंगली जीव भारतीय हिरण आज भी दिखाते हैं दुधवा नेशनल पार्क में काफी मात्रा में
बारहसिंगा, हाथी, चीतल, गेंडा, और शायद बंगाल टाइगर सारस क्रेन, गिद्ध, हिरण, जैसे पक्षी हरियाली से ढके जंगल, नदी, बाँध और प्राकृतिक गलियारे है जिससे यह सफर एक तरह का चलता-फिरता प्राकृतिक संग्रहालय बन जाता है।
उत्तर प्रदेश सरकार और वन विभाग का उद्देश्य है कि लोग प्राकृतिक संसाधनों के करीब आएँ, वन्यजीवों को समझें और पर्यटन को स्थानीय रोजगार से जोड़ें। Vistadom train इस दिशा में मील का पत्थर साबित हो रही है।